Tuesday, June 30, 2020

कोरोना के बाद की दुनिया

चाहे कोरोना कहें या चाइना वायरस कह ले या फिर WHO द्वारा नामांकित COVID -19 लेकिन है तो ये विनाशक और सत्यानाशी रोग जो की मरीजों की जीवनलीला तो ख़तम किया ही पर साथ ही सम्पूर्ण विश्व की अर्थ व्यवस्था भी खा गया।

अमूमन गर्मी की छुट्टिया लोग अपने गावों और वेकेशन पे बिताते थे और कई तो शौकन गाड़ियां किराये पर लेकर दूर दराज पहाड़ियों में निकल पड़ते थे पर इस महामारी ने असर के साथ डर भी इतना बिठा दिया दिल में की घर से निकलना तो मानो पाप ही लगने लगा और लगे भी क्यों नहीं आखिर "जान है तो जहान है" वाली कहावत हर किसी ने सुनी है तो फिर क्यू जबरदस्ती शक्तिमान बनने की कोशिश की जाये।

इस कोरोना ने एक तरीके से लोगो को शिष्टाचार भी सिखाया की कैसे लोगो से मिले तो उन्हें नमस्ते कर के मिलें न की अंग्रेजो जैसे हाथ मिलाकर और जितना हो सके आपसी भाईचारे को २ गज की दुरी से ही पालें। एक और फायदा ये हुआ की लोगो ने बाहर का जंक फ़ूड जो अमृत समझ लिया था उस अमृत की चाहत में ९९% की कमी आई हालांकि दिल ही तो है इसी लिए १% का इश्क़ अभी भी पिज़्ज़ा, समोसा चाट और गोलगप्पों के लिए छोड़ रखा और रखे भी न क्युकी ये कोरोना फोरोना तो आते जाते रहना लेकिन गोलगप्पे तो पथ्थर की लकीर की तरह दिल पर अंकित है।

दरअसल इंसान एक तरह से अपने को बहुत बड़ा समझने लगा था और दिन दूनी रात चौगुनी फुर्ती से दौड़ा जा रहा था और इस चक्कर में सब पीछे छोड़ चला था लेकिन इस महामारी ने लोगो को  समझाया की परिंदा दिन भर चाहे जितना उड़ ले पर रात को घोसले में लौट ही आता है। कोरोना की कश्मक़श में पुरे परिवार के साथ बैठ कर चाय-नाश्ता और डिनर करना फिर शुरू करवा दिया और आखिरकार पता चला की घर की होम मिनिस्टर साहिबा खाना, बर्तन कपड़ो के अलावा बहुत कुछ करती है और पुरुष समाज को एहसास भी नहीं होने देती।

बनिए से सामान खरीद कर खा लेते समय हमको कभी एहसास न हुआ की न जाने किस किस ने छुआ और न जान कौन कैरियर हो लेकिन इस कोरोना ने इस चीज का भी एहसास कराया की हाइजीन से बढ़ कर कुछ नहीं क्युकी स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ी पूंजी है।
ट्रैन और बसों की ठूसम ठूस में पहले अंदाज था की "पहले मैं पहले मैं" लेकिन यहाँ भी सब लखनवी नवाब बन ही गए और "पहले आप पहले आप और फिर हाथ senitizer से साफ़" करने लगे।

बदलाव तो काफी हुआ और मुख्य बात जो मुझे सबसे बढ़िया लगी वो थी शराब बंदी सच माने तो कई शराबीयों ने तो लॉकडाउन में हजारो बचा लिए और जिनका दिल कुत्ते की पूछ जैसा है वो दोगुना कीमतों पर खरीद कर भी गला तर कर बैठे। नकारात्मक चीजों को छोड़ें तो फिर भी इस मामले में तो अच्छा ही हुआ और  सरकारों को भले नुकसान हुआ हो पर परिवार वाले बड़े खुश दिखे।

एक और मुद्दा था मोहल्ला सफाई का जिसमे मुन्सिपलिटी से अमूमन जनता कुछ उम्मीद नहीं करती पर अबकी सफाई की पूरी उम्मींद की ताकि गली मोहल्ले साफ़ रहें और कोरोना दूर ही रहे। कई लोगो ने तो सेनिटिज़ेर का धंधा ही लगा लिया और गली गली मास्क बेचने वाला घूमने लगा जैसे पहले आम केले वाले घूमते थे। बुराइयां चाहे लाखो हो पर जो सफाई लोगो ने शुरू की है वो जरूर जारी रहनी चाहिए ताकि ऐसे कोरोना फोरोना कभी दुबारा इस देश में न घुस पाए।

तकलीफ तो उठानी पड़ीं पर कुछ चीजें मन को संतुष्टि भी देती रहीं जैसे कि,

१) साफ सफाई
२) जंक फ़ूड से कन्नी काटना
३) चीनी सामान का जागतिक बहिष्कार

बहूत दिनों से मेरा देश एक मानसिक बंधन में था और मान बैठा था की सुई से लेकर जहाज तक सब चीन के अलावा कोई नहीं दे सकता और सरकारें मूक दर्शक के भाँती चुपचाप सब तमाशा देख रही थी पर मेरे देश में एक लहर जागी और एक धक्के के साथ पिंजरे में फसा शेर पिजरा तोड़ बाहर निकल आया।
माना इस राह में रोड़े बहुत आएंगे और कई बार तो थक कर बैठने का दिल भी करेगा लेकिन मेरे देश की खरीद शक्ति हर किसी व्यापारी देश को घुटने पर ला देगी और आइना दिखा देगी।
गजल सम्राट जगजीत सिंह जी की एक गजल की प्यारे से बोल थे "सफर में धुप तो होगी पर चलना होगा" और सही भी लगता है क्युकी अब जब निकल पड़े है तो मजिल तक पहुंच कर ही मानेंगे। कुछ चीजे और भी सीखने मिली जो की हर किसी के लिए जरुरी सबक है और अब से ही प्रण ले की कोशिश करेंगे की लक्षम्ण रेखा न लांघेंगे,

१) अनावशयक चीजों की खरीद करना
२) महीने की आमदनी से कम से कम १०% बचा कर जमा करे
३) बहुत बड़े बडे इन्वेस्टर्स के झांसे में न आये क्युकी ये आपको फुसलाते है और अपनी जेब भरते हैऔर संकट समय सबसे पहले शेयर बाजार डूबता है।
४) अनावश्यक लोगो से लेन देन न करे 

इस महामारी ने बहुत कुछ दिखाया और बहुत कुछ सिखाया हालांकि सबक को याद रखना जरुरी है क्युकी संकट समय तो कट जायेगा और टिकेंगे वही जो मानसिक रूप से तैयार हों।




मनोगत : मन के विचारों को व्यक्त करने का भरपूर प्रयास किया है और अगर बढ़िया लगे या कुछ त्रुटि रह गयी हो तो जरूर बतायें ताकि प्रयासों को बल मिलता रहे। 

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