Saturday, May 1, 2021

अच्छी व्यवस्थाएं आपने चाही ही कब थीं ?

नमस्कार पाठको ,

विषय से एकदम सट कर फिर पूछता हूँ की इस देश में अपने सुव्यवस्था, सुसाशन, बेहतरीन मेडिकल सेवाएं, सड़क, रेल, बिजली और न जाने क्या जो की इस सूची का हिस्सा बन सकता है ये सब आपने सच मे चाही ही कब थी ? इस देश की जनता अगर कुछ चाहती है तो बस खुद का भला और इससे आगे कुछ नहीं पर ऐसा पढ़ते और सुनते हुए बुरा भी मानती है क्यूंकि स्वभावानुसार इंसान आपने दोष काम और दुनिया के अधिक गिनता है। 
हमने हमेशा से ही वो ऊँगली पकड़ी जहा पर मुफ्तखोरी, ढकोसलेबाजी, स्वांग और इमोशन था, हम हमेशा से ही यही चाहते थे की हमारी हर व्यवस्था की जिम्मेवारी कोई और ले ताकि मौका पड़ने पर हम छाती पीट पीट कर उस जिम्मेवार को गाली दे सके। हर गली मोहल्ले पर आस्था के केंद्र तो बना लिए पर डॉक्टरो और नर्सो की गिनती बढ़ाने की और कभी नहीं सोचा क्यूंकि अमर जो ठहरे। 

हमने अगर कुछ चाहा तो बस अपने जाति, अपने धर्म का उम्मीदवार जो की समाज कल्याण के बदले अपना खुद का कल्याण करे तो भाई उनको दोष क्यों देना क्यूंकि हमारी अपेक्षाएं ही अलग थी। हमने किसी को पंद्रह लाख के लिए चुना तो किसी तो बेरोजगारी भत्ते के लिए, किसी को हमने बिजली पानी मुफ्त के लिया चुना तो किसी को आरक्षण के लिए तो फिर दोष दें यही क्यों ?

और हाँ अगर किसी ने मेडिकल फैसिलिटी, बढ़िया सड़क, बिजली , स्वच्छ पानी, शौचालय और सुरक्षा के लिए चुना है जाए उस पार्षद, विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पूछे की क्या हुआ है और क्या न हुआ क्यूंकि जवाबदेह भाग नहीं सकता और अगर चेष्टा भी की तो उसे आइना दिखा का खुद बा खुद भगा दिया जायेगा।

अच्छी व्यवस्थाएं आपने चाही ही कब थीं ?

नमस्कार पाठको , विषय से एकदम सट कर फिर पूछता हूँ की इस देश में अपने सुव्यवस्था, सुसाशन, बेहतरीन मेडिकल सेवाएं, सड़क, रेल, बिजली और न जाने क्य...